कानपुर के चिड़ियाघर में इन दिनों लेसर व्हिशिलिंग डक की खूबसूरती दर्शकों को लुभा रही है। जाड़े के दिनों में व्हिशिलिंग डक उत्तर पूर्वी अमेरिका से चिड़ियाघर में आती हैं। ये झुंड में रहती हैं।
भोजन रात के समय करती हैं। दिन में अधिकांश सोती हैं। जब व्हिशिलिंग डक का झुंड सोता है तो इसके दो सदस्य जागा करते हैं और खतरे का अहसास होने पर जोर की सीटी बजाते हैं।
इससे पूरा झुंड जाग जाता है। इसके अलावा जब उड़ान भरते हैं, तब भी अलग सुर में सीटी बजाते हैं, जिससे कोई साथी छूट न जाए। उड़ते वक्त यिप-यिप आवाज करके एक-दूसरे की खैरियत लेती हैं।
चिड़ियाघर के क्यूरेटर अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि लेसर व्हिशिलिंग डक फरवरी-मार्च में चली जाती हैं। व्हिशिलिंग डक 22 से 24 दिन तक अंडे सेती हैं।
जो छोटे बच्चे अधिक नहीं उड़ पाते, वे अपने मां-बाप की पीठ पर बैठ जाते हैं। कानपुर चिड़ियाघर में लेसर व्हिशिलिंग डक की खूबसूरती इन दिनों आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।