रामसर साइट सांभर झील (Sambhar Lake) से अभी एवीयन बॉटुलिज्म (Avian Botulism) का खतरा टला नहीं है. सांभर झील के जयपुर से सटे इलाकों में इस बैक्टीरियां की मार कम हुई तो अब नागौर जिले के नावां (Nawa Of Nagaur) इलाके में बैक्टीरियां ने तेज़ी से पक्षियों को मौत के घाट उतारना शुरू कर दिया है. नावां क्षेत्र में अवैध खनन के चलते रेस्क्यू का काम भी समय पर नहीं हो पा रहा है. इस मामले में बुधवार को जयपुर कलेक्टर (Jaipur District Collector) ने जिला पर्यावरण समिति की बैठक बुलाई. इसमें हालात की गंभीरता सामने आने पर उन्होंने भी जिम्मेदार अधिकारियों के में त्वरित एक्शन के डायरेक्शन दिए और नागौर कलेक्टर से बात कर उन्हें नावां क्षेत्र में रेस्क्यू को लेकर तेजी से काम करने की बात भी कही.
सांभर झील में 12 नवंबर से चलाए जा रहे ऑपेरशन के करे-कराये काम-काज पर पानी फिर सकता है. एवियन बाटुलिज्म की मार जयपुर जिले में कम हुई तो इसने नागौर जिले में अपना असर तेजी़ दिखाना शरू कर दिया है. नावां क्षेत्र में रेस्क्यू काम भी सही से नहीं हो पा रहा है. मौके पर पहुंचे वॉलिंटियर्स की मानें तो अवैध खनन करने वाले शाम चार बजे ही नमक बनाने के लिए पानी में करंट दौड़ा देते हैं. इससे मौके पर मारे जा रहे पक्षियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही
ड्रोन, नाव नावां पहुंचाने के निर्देश
ताया जा रहा है कि अकेले नावां क्षेत्र में ही अभी पांच हजार से ज्यादा पक्षियों के शव इधर-उधर बिखरे पड़े हैं. मामले में जयपुर जिला कलेक्टर (Jagroop Singh Yadav) ने जिला पर्यावरण समिति की बैठक में कई नए तथ्य सामने आए हैं. मामले की गंभीरता को समझते हुए हुए माकै पर करंट रोके जाने, स्थानीय टीम की अन्य विभागों के साथ मिलकर तेज़ी से काम करने और ड्रोन, समेत नाव और दूसरे जरूरी संसाधन नावां पहुंचाए जाने के निर्देश दिए गए हैं.
नए मेहमान पक्षियों पर भी मंडरा रहा खतरा
बता दें कि एवियन बॉटुलिज्म को लेकर विशेषज्ञ पहले ही चेता चुके हैं कि झील में एक भी मृत पक्षी मौजूद रहा तो बॉटुलिज्म का खतरा और पक्षियों के मरने का सिलसिला जारी रहेगा. ऐसे में झील के दूसरे हिस्से में अगर पांच हजार से ज्यादा मृत पक्षी अभी मौजूद हैं तो साफ है कि बॉटुलिज्म को अभी काबू में नहीं लाया जा सका है. ऐसे में झील के दुर्गम क्षेत्रों में ऑपरेशन क्लीन को फिर से गति देनी होगी, नहीं तो इसका खामियाजा़ अब तेज़ी सर्दी में आने वाले पक्षियों को भी उठाना पड़ सकता है.